Sandhiya Vele Da Hukamnama Sachkhand Sri Harmandir Sahib Amritsar Ang 680 Date 14-07-19
ਧਨਾਸਰੀ ਮਹਲਾ ੫ ॥ ਨੇਤ੍ਰ ਪੁਨੀਤ ਭਏ ਦਰਸ ਪੇਖੇ ਮਾਥੈ ਪਰਉ ਰਵਾਲ ॥ ਰਸਿ ਰਸਿ ਗੁਣ ਗਾਵਉ ਠਾਕੁਰ ਕੇ ਮੋਰੈ ਹਿਰਦੈ ਬਸਹੁ ਗੋਪਾਲ ॥੧॥ ਤੁਮ ਤਉ ਰਾਖਨਹਾਰ ਦਇਆਲ ॥ ਸੁੰਦਰ ਸੁਘਰ ਬੇਅੰਤ ਪਿਤਾ ਪ੍ਰਭ ਹੋਹੁ ਪ੍ਰਭੂ ਕਿਰਪਾਲ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ ਮਹਾ ਅਨੰਦ ਮੰਗਲ ਰੂਪ ਤੁਮਰੇ ਬਚਨ ਅਨੂਪ ਰਸਾਲ ॥ ਹਿਰਦੈ ਚਰਣ ਸਬਦੁ ਸਤਿਗੁਰ ਕੋ ਨਾਨਕ ਬਾਂਧਿਓ ਪਾਲ ॥੨॥੭॥੩੮॥
अर्थ: हे दया के घर प्रभू! तू तो (सब जीवों की) रक्षा करने में समर्थ है। तू सुंदर है, समझदार है, बेअंत है। हे पिता प्रभू! (मेरे पर भी) दयावान हो।1। रहाउ। हे सृष्टि के पालनहार! मेरे हृदय में आ बस। मैं बड़े स्वाद से तेरे गुण गाता रहूँ, मेरे माथे पर तेरी चरण-धूड़ टिकी रहे। तेरा दर्शन करके आँखें पवित्र हो जाती हैं (विकारों से हट जाती हैं)।1। हे प्रभू! तू आनंद स्वरूप है (आनंद ही आनंद; खुशी ही खुशी तेरा वजूद है)। हे प्रभू! तेरी सिफत सालाह की बाणी सुंदर है रसीली है। हे नानक! जिस मनुष्य ने सतिगुरू की बाणी पल्ले बाँध ली उसके हृदय में परमात्मा के चरण बसे रहते हैं।2।7।38।